सही वक्त कब आता है?
सही वक्त कब आता है?


कहते हैं सही वक्त आने पर सब सही हो जाता है
क्या सच में सब सही हो जाता है?
क्या गलत भी सही हो जाता है?
पता नहीं!
पर ये सही वक्त कब आता है?
इसे लाया जाता है या खुद आ जाता है?
इस सही वक्त के चक्कर में ही तो
सारा वक्त निकल जाता है।
इस सही वक्त के चक्कर में ही तो
वक्त भी बेवक्त सा हो जाता है।
कोई कहता है कि
वक्त आता नहीं लाया जाता है
कोई कहता है कि वक्त का बिगड़ा
सिर्फ वक्त ही सही कर पता है
कोई कहता है कि हाथ से निकल जाए
तो वक्त फिर से नहीं आता है।
आखिर किस-किस की सुनें
खुद की, लोगों की, या
फिर वक्त की?