शहर की लड़की....
शहर की लड़की....
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सुबह से लेकर शाम तक
सिर्फ मेकअप ही
इसको भाये,
औऱ कुछ भी काम
इसको ना याद
आये,
चेहरे पर हर रोज
रंग-बिरंगी
क्या-क्या चित्र बनाये,
जरा-जरा सी बात पे
देखो गई हैं भड़की...
शहर कि लड़की... !
आधे-घण्टा बाल बनाये
जॉब पे फिर जाये,
नए-नए परफ्यूम
रोज-रोज ये लाये,
शॉर्ट्स पहनके ज़ब भी
बाहर ये जाये,
लाखों लड़को के दिल पे
सन्नाटा छा जाये,
बारिश में देखों,
जैसे बिजली कड़की
शहर कि लड़की...!