शहादत की आरज़ू
शहादत की आरज़ू
शहादत की आरजू
मुझे है इस कदर कि ,
भारत माँ तेरी गोद मिले
जब फना हो जाऊँ मै।
कोई कफन मिले ना मिले,
नीला आसमान हिन्दुस्तानी हो।
हौसला टूटे नही माँ का
मेरी मईयत को देख कर,
उसके जुबां से निकले यही
कि मेरे और भी बेटे हैं ।
एक की शहादत पर गर्व है मुझे
और दूजे को भेजने की
तमन्ना जाग रही है।
मेरे देश की मिट्टी तुझे
आँचल फैला कर माँग रही है।
उस माँ को नमन जो
ऐसे वीर जनाये है।
जन्मभूमि की खातिर
जो सबकुछ अपना गवायें है।
मेरी शहादत पर
एक आँशु ना बहाना दोस्तो
आँशु निकले तो मेरी
कुर्बानी जाया चली जायेगी
बस तुमसे इतनी ही
गुजारिश है दोस्तो।
हँसते हँसते मेरे मईयत
को विदा करना दोस्तो।