भारत पर समर्पित
भारत पर समर्पित
मेरी ये गीत ऐसी है
जो भारत पर समर्पित है।
जरूरत पड़ने पर
मेरी दिल जान भी अर्पित है।
वो कैसे लोग थे जो
देश को खुद ही लुटा बैठे।
वो अपनी माता को भुला बैठे,
अपना ही लहू गवां बैठे।
मै इसी भारत की बेटी हूँ
ये मेरी अपनी किस्मत है।
मेरी ये गीत ऐसी है
जो भारत पर समर्पित है।
बड़ा ही शौक है मुझको
कि धरती माँ को सवारुं ।
वतन के लिये जियूँ
वतन पे ही मै मर जाऊं ।
घर घर में तिरंगा हो
यह खुदा की रहमत है।
मेरी ये गीत ऐसी है
जो भारत पर समर्पित है।
यहीं वो राम बसते हैं
यहीं अयोध्या इक नगरी है।
कितनी खुबसूरत ये सब
जम्मू से कन्याकुमारी है।
मजहब है बहुत सारे
यहीं स्वर्ग है और जन्नत है।
मेरी ये गीत ऐसी है
जो भारत पर समर्पित है।
किसी में कृष्ण बसे हैं तो
किसी में राधा जी प्यारी है।
कोई अब चाँद पे पहुँचा है
तो अब सूरज की बारी है।
अरे दुश्मन जरा सा अब
अपनी आँखे करो नीची।
किसी को भी ना छोड़ा था
अब तुम्हारी ही मरम्मत है।
मेरी ये गीत ऐसी है
जो भारत पर समर्पित है।
जरूरत पड़ने पर
मेरी दिल जान भी अर्पित है।