शब्दों के मोती(किस्मत)
शब्दों के मोती(किस्मत)
कुछ था तुम्हारा फरमाइश।
कुछ थे मेरी ख्वाहिश।
कुछ गिला,कुछ सिकवा।
इतना भी क्या नाराजगी।
मुंह फेर लिया सारी जिंदगी।
ये मेरी कैसी तन्हाई।
कैसा गम, कैसी जुदाई।
पल पल के लिए रोता है दिल।
थोड़ी सी झलक ही सही।
फ़रियाद इतना, सपनों में मिलले कहीं।
हाय रेकिस्मत क्या ललाट लेकर तू आई।