शब्द शहद है शब्द ही नीम
शब्द शहद है शब्द ही नीम
शब्द शहद है शब्द ही नीम, शब्द ज़ख्म है शब्द ही हकीम,
शब्द ही खुशियों का आसमां और शब्द ही दर्द की जमीन,
शब्द नफ़रत है शब्द ही प्यार,शब्द है सुकून शब्द ही कहर,
शब्द आग है शब्द ही पानी,शब्द अमृत और शब्द ही ज़हर,
बल बड़ा है शब्दों में, बुद्धि, विवेक, समझ से करो व्यवहार,
शब्द बदले चित्र जीवन का, शब्द ही बदलते आचार विचार,
शब्द गरिमा है, शब्द ही प्रतिष्ठा, शब्दों में भरा जादू अनूठा,
शब्द बुलाए जहांँ मित्रों की टोली, वहीं ये दुश्मन भी बनाता,
शब्द मिलन, शब्द ही बिछड़न, शब्द पुष्प है शब्द ही कांटा,
नासूर बनते शब्दों के घाव, मरहम नहीं कोई जिसका होता,
रक्तरंजित हो जाती आत्मा, जब शब्दों से किया जाता वार,
खेल अजब गजब शब्द का समझो, शब्द है ये तलवार धार,
ज़ख्म दिखे न तन पर शब्दों का, यहांँ तो मन होता घायल,
शब्दों का असर होता इतना गहरा जैसे है गहरा सागर तल,
शालिनता भरे शब्द मीठे, है ये अपनेपन और प्रेम का द्वार,
अभद्रता और कड़वाहट शब्दों की, मलिन करे सदा व्यवहार।