शायरी
शायरी
तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है
तू मेरी नयी नज़म तू मेरी फज़ल है
कहते हैं मैं लिखता हूं ,खुद को आज कल
मैं कहता हूं कि तू सिर्फ मेरी सज़ल है।
तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है
तू मेरी नयी नज़म तू मेरी फज़ल है
कहते हैं मैं लिखता हूं ,खुद को आज कल
मैं कहता हूं कि तू सिर्फ मेरी सज़ल है।