शायद
शायद
मिले जो तुझ से पहली बार
दिल जरा बेचैन हुआ
यह थी मोहब्बत मेरी
"शायद"
मुझे पाने की देख जिद्द तेरी
दिल था मेरा हैरत-ए-जदा
यह थी मोहब्बत तेरी
"शायद"
कुछ यादों का लिए एक आँसू
उम्मीदों की सीप में रक्खा है
बन मोती फिर चमकेगी मोहब्बत हमारी
"शायद"