शायद
शायद


शायद ये सच है ..
वो इनसान अच्छा था ..
शायद ये सुनने के लिए मरना पड़ता है ....
शायद ये सच है...
किसी के अहमियत जानने के लिए
सबसे दूर जाना पड़ता है ...
जब पास होते
तो कोई कदर नहीं होते..
जब सब के लिए मौजूद होते है
तब कोई पूछता है नहीं ..
शायद ये सच है
आप जिसकी कदर करो
वो आपको पैरो की धूल समझती है ..
आपकी मूल्य शून्य होते है ...
थोड़ी देर खुद को दुनिया से
कहीं दूर, बहुत दूर करके देखो ...
लोग तो आपकी नाम के बाद
"था" लगा देंगे ...
शायद आपका होना या ना होना
किसी के लिए कोई मायने नहीं रखते ..
शायद आप किसी के लिए जरूरी ही नहीं....।
शायद ये सब कुछ दिखावा है ..
शायद ये सच है ..
वो अच्छा था .. ये
सुन ने के लिए मरना पड़ता है ...
शायद ........