शायद वह इश्क नहीं था
शायद वह इश्क नहीं था
मुझे अभी भी याद है
हां पर शायद वह इश्क नहीं था
तुम भी तो मुझे देख रहे थे
लेकिन मैंने मेरी नजर तुमसे चुरा लिया था।
फिर भी यह प्यार नहीं था।
मुझे पता है कि
शायद यह इश्क नहीं था पर....
ना जाने क्यों में अभी भी कहीं न कहीं
तुम्हें मेरी जिंदगी में एक बार
मिलने के लिए बहुत बेताब हूं।
शायद वह इश्क नहीं था
बल्कि वह एक आकर्षण था जो
मुझे तुम्हारी तरफ आकर्षित कर लिया था ।
शायद वह इश्क नहीं था
क्योंकि यदि वह ही इश्क था तो
मुझे तुमसे यह जिंदगी एक बार और जरूर मिलाती।
शायद वह इश्क नहीं था
यह तो वह शाम की वह रात थी
जो कभी सुबह से नहीं मिल पाई।
यह तो वह नदी की वह लहरें थी
जो कभी समंदर से नहीं मिल पाई।
शायद वह इश्क नहीं था।
शायद वह इश्क नहीं था।
जय जगन्नाथ।
।।जय हिन्द।।
।।जय भारत।।

