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Barsha Mallik

Inspirational Children

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Barsha Mallik

Inspirational Children

शिकायत

शिकायत

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 ज़िंदगी से क्या रूठूं में,

वो तो मुझे एक ज़िंदगी दिया है

इस प्यारा सा संसार के हिस्से में,

वह मुझको भी सामिल किया है।


रब से भी क्या मांगू में

बिन मांगें ही सब दिया है ।

नहीं थे लायक हम इतने पानेको

फिर भी हमको इतना सबकुछ दिया है


फिर भी मैं हूं ही

एक साधारण सा मानव

पालूं चाहे जितनी भी

हमेशा मन रहता है बेताब


कुछ जानने को है उत्सुक

शिकायत है मुझको भी बहुत

ऐसे कुछ चीजों से, जिसे ना में

अकेली ही सहती हूं...........

सहने वाले भी हैं बहुत ।


बुरे लोग करते हैं बुरा

उसे सहते रहते हैं अच्छे लोग

पर हैरानी होती है मुझे देख की

यह सब लोग इस धरती पर

हो चुके हैं जैसे पत्थर

आंखें हैं पर देखते नहीं...

जुबां है पर बोलते नहीं..

सारे जुल्म देखते, सहते रहते हैं

जैसे बन कर कोई बंदर।


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