सीखा हूं मैंने
सीखा हूं मैंने
फूल से ही हंसना सीखा हूं मैंने
हर मुस्किल को पार करना सीखा हूं मैंने
सब कुछ भुला कर आगे बढ़ना सीखा हूं मैंने
दीप से जलना सीखा हूं मैंने
खुद जल कर ही सब को रोशनी देना सीखा हूं मैंने
पेड़ से झुकना सीखा हूं मैंने
झुक कर ही सब को राहत देना सीखा हूं मैंने
पापा से धैर्य रखना सीखा हूं मैंने
दुख की पहाड़ लेकर भी खुद को संभालना सीखा हूं मैंने
मां से सब की खुशी के लिए त्याग करना सीखा हूं मैंने
अपनी चिंता छोड़ कर दूसरों की चिंता करना सीखा हूं मैंने
सूरज से कोई भेदभाव न करके सबको
समान रूप से देखना सीखा है मैंने।
