नजरिया
नजरिया
सब में कुछ न कुछ कमियां हैं
सब में कुछ न कुछ खूबियां हैं
लेकिन धिक्कार है उस नजर पर ,
जो सिर्फ सब में कमियां ही देखता है
दुनिया में हर तरफ नकारात्मक सोच भरा पड़ा है
फिर भी सकारात्मक सोच इस दूनिया में जिंदा है
पांच उंगलियां मिलकर ही मुठ्ठी बनती है
सबको साथ लेकर चलने से ही एकता बढ़ती है
दुनिया बदल ने वाले दुनियादारी की बात नहीं करते,
दुनिया और समाज को कोसने वाले कभी कुछ नहीं कर पाते हैं
माना कि दुनिया में हर तरफ कचरा जमा है
माना कि दुनिया में हर कोई स्वार्थी है
पर दुनिया में अभी भी अच्छाई जिंदा है
इसलिए तो किसको दर्द हुआ तो उफ केहने वाले भी बहुत हैं
दुनिया वालों में कमियां ढूंढ ने अच्छा है कि,
हम खुद को ही खूबियां से भर दे।
सबके नफरत करने से अच्छा है कि,
हम सबको प्यार करें।
