STORYMIRROR

Ramashankar Yadav

Tragedy Others

3  

Ramashankar Yadav

Tragedy Others

शायद अब भी तुम मेरे हो

शायद अब भी तुम मेरे हो

1 min
379

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!

कहते हो हमसे हम तुम्हारे नहीं

फिर ख्वाबों में आके हमें क्यु सताते हो!

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!!!


चाहुँ ना फिर भी तुम ही दिल की चाहत!

तुम ही तुम हो मेरे लहु की हरारत!

तुम ही मेरे जीवन की सरीता बहाते हो!!!

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!!!


जहाँ भी मैं देखुँ छवि है तुम्हारी!

दिल की ये नगरी रही ना हमारी!

हम भी ना हमारे ऐसा तुम बताते हो!!!

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!


लिखा मैने जो भी तुम ही तो बताते हो!

वफा मेरे दिल को तुम ही तो सिखाते!

माना मैने तुम ही जहाँ तुम खुदा हो!

दिवाने को फिर क्युँ दिवाना बनाते हो!!!

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!!!


शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!

कहते हो हमसे हम तुम्हारे नहीं

फिर ख्वाबों में आके हमें क्यु सताते हो!

शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो!!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy