सदा सद्गुणों का करें हम वरण
सदा सद्गुणों का करें हम वरण
सदा सद्गुणों का करें हम वरण,
निवारें त्रुटियां सुधार लें आचरण।
करें शुद्ध वाणी और अंतःकरण,
हरदम करते रहें प्रभु को स्मरण।
मानवता की सुदृढ़ ये बनाएगा नींव ,
अधिकारी होता प्यार का हर ही जीव।
कण-कण प्रकृति का सारा पर्यावरण,
सदा सद्गुणों का करें हम वरण।
सबको दें वहीं जिसकी खुद को तलाश।
पूरी सबकी करो होगी पूरी खुद की आस।
दुःख की हर घड़ी में गहिए प्रभु की शरण,
सदा सद्गुणों का करें हम वरण।