दूसरों के अवगुणों पर नजर न हो। अपने आप का मनन करें।। दूसरों के अवगुणों पर नजर न हो। अपने आप का मनन करें।।
करें शुद्ध वाणी और अंतःकरण, हरदम करते रहें प्रभु को स्मरण। करें शुद्ध वाणी और अंतःकरण, हरदम करते रहें प्रभु को स्मरण।