सच्चे सपूत......
सच्चे सपूत......
नमन करो उन्हें जो खुद को किये समर्पित,
हमारे बीर जवानों जो देश की सच्चे सपूत.
वो सरहद पे तो खड़े रहे
हम चैन की नींद सोते रहे
वो शिने मे गोलिया खाते रहे
हम घर की रोटी खाते रहे
वो दुश्मन से तो लढ़ते रहे
हम अपनों से लढ़ते रहे
जरा शर्म करो और देखो तो उनकी चाहत,
नमन करो उन्हें जो खुद को किये समर्पित,
हमारे बीर जवानों जो देश की सच्चे सपूत....
वो देश की आब्रु बचाते रहे
हम यहाँ आब्रु लुटते रहे
वो दुश्मनों से तो बचाते रहे
हम दुश्मनी यहाँ कर रहे
वो दिन रात तो जागते रहे
हम दिन रात खुशीसे रहे
जरा सोचा करो उनकी क़ुरबानी सहादत,
नमन करो उन्हें जो खुद को किये समर्पित,
हमारे बीर जवानों जो देश की सच्चे सपूत........
वो तो खून की आँसू पीते रहे
हम खून की होली खेल रहे
वो देश की मिट्टी पे लेटे रहे
हम देश की मिट्टी बान्ट रहे
वो तिरंगे की लाज रखे रहे
हम तिरंगे को फैराते रहे
अब उठो जागो सलाम करो उन्हें शत शत,
नमन करो उन्हें जो खुद को किये समर्पित,
हमारे वीर जवानों जो देश की सच्चे सपूत।
