सच्चा दोस्त
सच्चा दोस्त
दोस्त बनकर रहता वो मेरे पास है
वो सच्चा दोस्त मेरा कुछ खास है
किस्मत से बनते हैं दोस्ती के रिश्ते
जहाँ दिल में पनपता सिर्फ विश्वास है
सुख –दुःख हर पल साथ निभाता मेरा
इस दोस्ती से बंधी जीवन की आश है
मुश्किलों में हमेशा मेरा साथ निभाता
इसलिए हर रिश्तें में यह रिश्ता खास है
रुलाता है सताता है प्यार भी जताता
रूठे को मनाने का अलग ही अंदाज है
बिन कहे हर बातों को समझ जाना
ये अनमोल खजाना तो मेरे पास है
सभी बातों को वो सुनता है मेरी हमेशा
क्योंकि मेरे लिए समय उसके पास है
उसके संग न जाने कब वक्त बीत जाता
खुश रखने में सबको वो तो तीरंदाज है
मेरी ये कविता उस सच्चे दोस्त नाम है
जो दोस्ती को दे देता अलग ही पहचान है।