साथ - साथ
साथ - साथ
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हम बरसों से साथ साथ है
फूलों में खुशबू की तरह
पेड़ों के झुरमुट की तरह
कोयल की कूक की तरह
चातक और चकोर की तरह
जंगल में मोर की तरह
अंधेरों में उजालों की तरह
सुबह में ओस की तरह
आदि और अनंत की तरह
बहुत सी ऐसी बाते है
जो हमेशा एक करती है हमें
बहुत सी ऐसी यादें है
जो हमेशा एक करती है हमें......
यह साथ -साथ रहना हमें
खुशियाँ ही दे ऐसा ज़रूरी नहीं है
ग़मों का भी ज़िन्दगी में
अपना एक अहम मुक़ाम है
शायद इसी का नाम इश्क़ है
क्योंकि इसमें साथ - साथ रहने में भी
कमबख़्त बहुत रिस्क है