साबरमती के संत
साबरमती के संत
शांति और अहिंसा के हमेशा दूत थे साबरमती के संत।
जिन्होंने हिंसा के बिना ही कुरीतियों का किया था अंत।
सहयोग और सद्भाव में ही करते थे वे असीम विश्वास।
अपना काम स्वयं ही करते थे, न थी किसी की आस।
छुआ छूत और ऊंच नीच का हमेशा करते रहे विरोध।
निश्चय करके दूर किया, चाहे कितने भी आए अवरोध।
सादा जीवन जीवन जीने को देते थे सदैव प्राथमिकता।
दूसरों को ही खुशी देने में अपार सुख था उन्हें मिलता।
अहिंसा ही सर्वोपरि रहे हमारे लिए, चाहे शत्रु हिंसा करे।
अहिंसा ही सही ये पाठ पढ़ाओ, आगे हिंसा करे तो डरे।
