रूह की रोशनी
रूह की रोशनी
ख्वाबों की दुनिया में,
तुम्हारी दुनिया बसाई है।
पलकों पर तुम्हारी ही,
डोली सजाई है।
मेरे आशियाने में,
तुमने ही आशा जगाई है।
बंद ताले की चाबी बन,
जीवन में खुशियां दिखाई है।
लबों पर मीठे बोल,
रूह रोशन बनाई है।
धुंधली तस्वीर भी,
अब उजली बनाई है।
हर लम्हे में,
जिंदगी सजाई है।
तेरी यादें,
भंवर से निकाल लाई हैI
जिंदगी मेरी
अब कदम संभाल पाई हैI
हाल से लाजवाब,
बातों से बेमिसाल हो तुम।
मेरी दुआओं की सदाएं हो तुम।
अपने नाम का जादू
चलाती हो तुम।
दूर से ही जन्नत का
एहसास कराती हो तुम।