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Mahi Aggarwal

Romance Others

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Mahi Aggarwal

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परिणय सूत्र

परिणय सूत्र

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हमारी राहे आपकी और युं मुड़ने लगी है

जैसे शाम आकर सुबह से जुड़ने लगी है


जब हाथो में हाथ तेरा आ गया तब

कटीले पथरिले रास्तो पर बढ़ने लगी हूँ ।


पाकर तुम्हारा सानिध्य गर्वित हुई मैं

फिर खुद पर इतरा उड़ने लगी हूँ मैं


बांधा है जब से तुने परिणय सूत्र में

एहसासो से भी तेरे जुड़ने लगी ह


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