Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

नववर्ष

नववर्ष

1 min
482


नववर्ष जब आएगा तब पुराना लोट हो जाएगा।

कुछ खुशियाँ कुछ घटनाएँ इतिहास बन जाएगा।


बीते वर्ष ने कभी तड़पाया था तो कभी रुलाया था

कभी प्यार से सहला कर खुशी ने गोद में सुलाया था


खट्टी मीठी यादों का गुलदस्ता सजा गया जीवन में

आगे पता नही दुनियाँ में कैसे कैसे गुल खिलाएगा


मौसम की तरह बदलता रहता साल भी हर साल 

फिर घुम फिर कर आ जाता हर साल नया साल


कुछ कर गुजरना होगा हर बार खुद से वादा करते 

फिर भूल जाते हैं रोजमर्रा के कामों में जुट जाते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract