ऋतु के रंग
ऋतु के रंग
वसंत ऋतु राजा कहलाये,
मंद मंद यूं चली हवाएँ,
चारों ओर छाई हरियाली,
मन को सबके बहुत लुभाती,
ग्रीष्म ऋतु में तप्ति भूमि,
पसीना छूटे....उफ़ इतनी गर्मी,
आम कटहल हम जी भर खाए,
आइसक्रीम से प्यास बुझाये,
घनघोर घटा सी बिजली चमके,
छम छम बरसे बारिश की बूँदें,
इंद्रधनुष अंबर को सजाए,
नाचे मोर पँख फैलाये,
छोटे दिन और लंबी रातें,
ठंड से हम लगे कांपने,
पर्वत बर्फ की चादर ओढ़े,
स्वेटर, मफ़लर, कोट हम पहनें!