Mohabbat ki taakat
Mohabbat ki taakat
इन अँखों में तेरा ही चेहरा छुपा ,हम कर बैठे इश्क़ तुमसे फ़िर इक
दफ़ा,इस दिल को सम्भालूँ कैसे ये तो बता,पगला, धड़केही जाये सुनके तेरी जुबान ...।
तेरी ओर चली ... ओ सजना ओर चली ,ये दीवानी सब जग छोड़ चली,
आब मुनसिब नहीं कुछ भी कहना मेरा,नज़रें करने लगी हैं दिलकी बातें बयान ....।
इन अँखों में तेरा ही चेहरा छुपा ,हम कर बैठे इश्क़ तुमसे फ़िर इक दफ़ा,
इस दिल को सम्भालूँ कैसे ये तो बता,पगला, धड़केही जाये सुनके तेरी जुबान ...।
तुझपे मर जावाँ .... ओ बलिया मर जावाँ,तेरे नाल मैं सब कुछ कर जाऊं,
तन्हाई को सेहना बड़ा मुश्किल हुआ,रातें कटती नहीं अब तेरे बिन साथिया ...
इन अँखों में तेरा ही चेहरा छुपा ,हम कर बैठे इश्क़ तुमसे फ़िर इक दफ़ा,
इस दिल को सम्भालूँ कैसे ये तो बता,पगला, धड़केही जाये सुनके तेरी जुबान ...।