रोटी के आस में
रोटी के आस में
दरवाजे पर मैं बैठा
कब से रोटी के आस में
दादी अम्मा गुजर जाती है
बिल्कुल मेरे पास से
मेरे बच्चे भी होते हैं
उनके जैसे ही रोते हैं
हम भी आपके जैसे होते
जुर्म और दर्द सहते होते
इस तरह मार के भगाओ ना
बस एक दो रोटी दे दो ना
आपका बच्चा भी प्यासा है
मेरा बच्चा भी प्यासा है
बहुत तेज से प्यास लगी है
बहुत तेज की चोट लगी है
अगर ना देना कुछ मारो ना
कुछ नहीं कहते मारो ना
वफादारी सीखी मैंने
बेवफाई सिखाया आपने
इंसानियत से ही आप हो इंसान
मैं एक मामूली जन्तु
अच्छे बुरे का नहीं है ज्ञान
खुले बासन में पानी रख दो
दो रोटी चार दाने रख दो
अपने नहीं खास अरमान
हे इंसान हम करते सम्मान
आप मारते जुल्म हम सहते
फिर भी वफादारी हम कम ना करते।