रंगों का त्योहार
रंगों का त्योहार
मैरो खो गयो बाजूबंध कान्हा होरी में
होरी मैं कान्हा होरी मैं.... मैंरो खो गयो
चुनर पे मेरे मारी पिचकारी
श्याम रंग मे कान्हा रंगी सारी,
बरसाने बरसे रंग देखो होरी मैं..
मैंरो खो
उधम कान्हा तुने खूब मचायो,
सखियों के संग में नाच नचायो,
तेरी मुरली बाजे संग देखो होरी मैं..
मैंरो बाजूबन्द मैंरो बडैं हीं मूल को,
कहां पहैंराउ वाहीं तोल मोलको,
तोपे वारूहो बाजूबन्द कान्हा होरीमैं....
मैंरो खो गयो बाजूबन्द
तेरी मेरी प्रित पुरानी,
तुमने हीं मुने नहीं पहेचानी,
मौहे ले चल हो अपने संग
कान्हा होरी मैं......
मैंरो खो गयो बाजूबन्द