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Monika Sharma "mann"

Classics

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Monika Sharma "mann"

Classics

आधुनिकता जरूरत

आधुनिकता जरूरत

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संसाधनों ने हमें बांँट दिया कहने को

रहते परिवार में हम वक्त नहीं हमारे पास


वैसे संसाधनों के सरताज हैं हम 

आधुनिकता से जोड़ा हमने


हाथ प्रणाम को भुला,

हेलो से चलाते काम हम दिखावे के नाम पर


संस्कारों को भुला देर रात पार्टियों में

जाम से जाम टकराते हम वैसे कमाते हैं।


हम जी भर पैसे मगर फैशन के नाम पर

अंग दिखाते हम जरूरत थी आधुनिकता की

हमें खुद के लिए मगर खुदगर्ज बनते जा रहे हम।


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