शून्य
शून्य
अर्थ हूं और मूल्य हूं,
फिर भी अर्थ हीन हूं,
दिशा में और दशा में,
तन्हा लम्हों का साथ हूं,
एकांत वास का अर्थ हूं,
भीड़ में, बस मैं संग हूं,
सूना पन हूं आंखों का,
हर मूल्य में मैं गौण हूं,
ज्ञान भी, विज्ञान भी मैं,
गणक का मैं आधार हूं,
यूं तो मूल्य हीन हूं मैं,
मैं तो केवल शून्य हूं।