रंग
रंग
रंग तेरे मोहब्बत का आज भी मेरे दिल तक पहुंचता है।
पर वहां पहुंचते ही फव्वारे में बिखर जाता है। ।
पर ऐ दिल पहले की तरह पम्प नही करता।
क्योंकि इसे तेरे सांसो की जरूरत रहती है।।
ऐ सही है तेरे मोहब्बत का रंग और सादगी।
जो मेरे दिल मे बहने वाले लहू में हर वक्त बहती है। ।
तु कहीं से जरूर आयेगी ये दिल बार बार कहता है।
एक दिन मुलाकात होगी फिर दिल की बात होगी। ।
लेकिन अगर तुम्हे आने में देर ज्यादा हो जाए।
और मैं तुमसे बहुत दूर चला जाऊँ तो रोना नही। ।
मुझे याद करना आसमान के रंगों में मेरी छवि देखना।
थोड़ा हँसना थोड़ा मुस्कुराना और गहरी नींद सो जाना। ।