वीरान शहर
वीरान शहर
शहर वहर सब वीरान होंगे
गाँव अपना शहर होगा।
बाकी सब श्मशान होंगे।
रोटियां चिता पर सेंकी जायेंगी।
नेताओं के जुमले वाले अलाप होंगे।
जनता में चिता पर रोने वाले विलाप होंगे ।
गहरी नींद तो छोड़ दो मेरे यारों।
यहाँ तो हवा भी खरीद कर पीना पड़ेगा।
घुट घुट कर जिन्दगी जीना पड़ेगा।
बस केवल हर तरफ गम और मातम है ।।
आपसे जरा सी भूल भी न हो जाये।
कोई अपना आपसे दूर न हो जाए।
इसलिए अब भी वक्त है सम्भल जाओ।
अपने आसपास हरियाली बनाओ। ।
भीड़ से दूर रहो, अपना और अपनों की जान बचाओ।।