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Sriram Mishra

Romance Classics Fantasy

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Sriram Mishra

Romance Classics Fantasy

इन्तज़ार

इन्तज़ार

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हो सकता है वक्त गुजर जाऐ ।

और हम आपसे फासलों में ही रह जाऐ।

मैं आपसे इतना दूर चला जाऊँ।

और आप इन्तजार में रह ही जाओ।

इसलिए कभी कभी याद कर लिया करो।

कुछ दिल की बातें शेयर कर लिया करो।

हो सकता है दिल का बोझ आपका उतर जाये।

आपका दिल फिर नये फूल सा खिल जायें।

हो सकता है ये चंद लम्हे है खुशी के हमारी ।

क्या पता आप इन लम्हों के सहारे जी जायें।

थोड़ा हम भी हंस लेंगे इन चंद लम्हों की जिन्दगी में।

क्या पता फिर नया जन्म हो और हम फिर मिल जायें।

इसलिए कभी-कभी याद कर लिया करो।

क्या पता हम न रहें और ये वक्त ढल जाये।

बस इतना याद रखना मेरे जाने के बाद।

थोड़ा सा ही प्यार करना थोड़ा ही रोना ।

लेकिन एक बात बोलूं आप बहुत याद आओगे।

और मैं आपके सपनों में आऊंगा जब सो जाओगे।

मतलब मैं जिन्दा रहूँगा तेरे यादों में।

जिधर देखोगे मुझे ही पाओगे, मुझे ही पाओगे।


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