रिस्क
रिस्क
बहुत डरते हैं
हम आप
मध्यमवर्गीय परिवार के लोग
रिस्क लेने से,
सोचते है बहुत
कुछ अलग करने का पर
परिवार, समाज
गिना देता है दुष्परिणाम
फेल होने का,
फिर
मन मसोसकर रह जाते हैं,
चलते रहते है
सीधी लकीर पर
खुद को कमतर आंक कर,
बनकर
भीड़तंत्र का हिस्सा,
एक हार के अंदेशे से
घबराये हुए
मन से हारे हम।