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ATAL KASHYAP

Romance

4  

ATAL KASHYAP

Romance

अहसास तुम्हारा

अहसास तुम्हारा

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थी चाहत 

या आकर्षण 

कुछ समझ नहीं पाया था,

तुमसे बात करने के लिए 

मन को कई बार मनाया था,

देखता था चोरी छुपे

तुमको,

दोस्तों की महफ़िल में

तुम्हारा नाम आने पर 

मैं खामोश हो जाता था,

दिखती थी क्लास में

जिस दिन 

तुम्हारी जगह खाली,

होकर बैचेन 

खुद से 

कई सवाल कर जाता था,

सताता था डर 

तुम्हें खोने का,

सोचकर कई रात 

मैं चैन से सो न पाता था,

थी हमारी तुम्हारी 

इक्कीस की उम्र 

और कॉलेज की जिदंगी, 

इस सफर को 

तुम्हारे साथ 

आगे पूरा न कर पाया था,

है अहसास 

आज भी हो तुम 

मेरे पास, 

दिए तुम्हारे गुलाब को 

डायरी में दबा पाया था।

         


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