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Hariom Kumar

Abstract

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Hariom Kumar

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रिश्तों की पोटली

रिश्तों की पोटली

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रिश्तों की पोटली को तुम रखना संभाल के,

हर रंज,द्वेष भाव सब मन से निकाल के,

जीवन के हर कदम पर यही काम आएंगी,

हर मुश्किल और उलझन में ये आराम लाएंगी,

खुशियों में नाचेंगी तेरे संग मुस्कुराएंगी,

गम में तेरे आंसू तमाम पोंछ जाएंगी,

तन्हाई में थामेंगी तुझको हौंसला देंगी,

महफ़िल में तेरे संग सुहाने गीत गाएंगी



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