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Manju Saraf

Drama

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Manju Saraf

Drama

रिश्ते ज़िन्दगी हैं मेरी

रिश्ते ज़िन्दगी हैं मेरी

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रखी है मैंने छिपाकर सन्दूक में,

सींचती हूँ मैं प्रेम स्नेह से उसे,

लग ना जाये बुरी नज़र किसी की,

इस डर से उतारती हूँ रोज नज़र।


नींबू मिर्च से,

मेरे रिश्ते मेरी ज़िंदगी हैं,

जिस दिन हो जाये ये मेरी जायदाद चोरी,

मेरी देह से आत्मा साथ छोड़ जाएगी मेरी।


इसी से बहुत सम्भाल कर रखी है मैंने,

ये रिश्तों की प्यारी सी पोटली।


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