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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama

नसीब

नसीब

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हैं नहीं यक़ीन नसीब पर मुझे

जाने कब चल दे साथ छोड़कर

कर दे जुदा मुझे मेरे अपनों से

रख दें मेरा वज़ूद तोड़कर


हाथों की लकीर में जो 

लिखा हुआ नसीब हैं

कोई अज़नबी भी तब

उतना ही करीब हैं


शिकायतें हज़ार हैं

मुझे इस नसीब से

फिर भी जो हैं मिला

हमको मंज़ूर हैं


जो नहीं नसीब में

वो हमसे दूर है

हैं नहीं यक़ीन 

नसीब पर मुझे।


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