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Jitendra Kumar

Drama

4  

Jitendra Kumar

Drama

**एक लड़की....**

**एक लड़की....**

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एक लड़की है जो दिल को अच्छी लगती है,

अक्सर लोग पूछते है वो तेरी क्या लगती है।


ज्यादा कुछ नहीं कहता बस इतना बता देता हूं,

बैठ जाये गर वो सामने फिर फीकी चाय भी मीठी लगती है।


जब निकल जाए बाहर वो यूं खुले बालों में, 

बिन मौसम के फिर जैसे बरसात की झड़ी लगती है।


उसकी बातों और अदाओ में इतनी मिठास है क्या बताऊँ,

यारों वो मुझे दिल्ली की गलियों सी खूबसूरत लगती है।


आप साड़ी की बात छोड़ो,

वो सादे सूट में भी कमाल लगती है,

मुस्करा जाए कभी जब वो सामने

फिर इस दिल की हालत गम्भीर लगती है।


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