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Jitendra Kumar

Abstract

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Jitendra Kumar

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**उस लड़की के लिए मोहब्बत....**

**उस लड़की के लिए मोहब्बत....**

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उसकी ये क़ातिलाना नजरें भी कमाल है,

देखता हूं जितनी दफ़ा, दिल बस बीमार होता है।


यारों हम तो सिर्फ उन्हें पसन्द करते है,

हम से कहां इश्क़ का इज़हार होता है।


हसीं चेहरा, बिखरी जुल्फें, और ये मुस्कराहट,क्या बताऊँ,

देखने को उसे हर वक़्त दिल मेरा तलबगार होता है।


काश वो ही आकर कह दे "मोहब्बत है तुमसे",

ए-रब अब हमसे और नहीं इन्तजार होता है।


खुशी रहती है चेहरे पर जब उससे बात होती है,

बिन उसके यार ये दिल मेरा बेक़रार होता है।


जब-जब तलब सी लग जाती है उसे देखने भर की,

फिर बस उसके एक दीदार से दिल को आराम होता है।


ये "जीतू" आ तो जाए एक झलक देखने को मगर,

यार राजस्थान से दिल्ली का सफ़र कहा आसान होता है।


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