लॉकडाउन 4.0 के पर लगने पर( 34)
लॉकडाउन 4.0 के पर लगने पर( 34)
सुन मोदी का आह्वान,
पुरुष हुआ मायूस,
फिर बढ़ा दिया
लॉक डाउन,
देख पति को मायूस,
मायूस पति से
पत्नी बोली,
जो शर्ट के टूटे बटन से ,
टूटे हुए आत्मविश्वास को जोड़ती है,
हे ! प्रिय आपने तो,
अपने जीवन में
पहली बार किया है,
मैंने तो सदियों से निभाया है,
सदा ही लॉक डाउन में जी हूँ,
हमें तो कोई फर्क नहीं पड़ता हैं,
हमने कभी भी सोचा नहीं,
क्या-क्या खुला है ?
और
क्या-क्या बंद है ?
कौन- कौन से रेस्टोरेंट खुला है ?
और
बाजार कौन-कौन सा बंद है?
हमारे लिए तो सदियों से,
लक्ष्मणरेखा खींचते आए हो,
घूंघट और घर में जीते आए हैं,
शायद.........!
आपने जीवन में पहली बार,
इसको महसूस किया हैं,
मैं-आप-बच्चे और परिवार
कुछ दिन साथ रहे,
शायद कुदरत ने हमें,
इसीलिए.......!
घर में ही होम आइसोलेट किया हैं !
