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Sunil Gupta

Tragedy

4.7  

Sunil Gupta

Tragedy

रिक्शे वाले के हालात

रिक्शे वाले के हालात

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मोल भाव बाबूजी करके,

 बैठे उसके रिक्शे में।

 भारी बोझा सात सवारी,

पहुंचा मुझको जल्दी में।।


१- चार कदम चलते ही फूला,

 सीना उसका जल्दी में।

 हाँफ चली बेहोशी छाई,

 चले न रिक्शा जल्दी में।


 २-कहां उलझ गया मैं बूढ़े से,

 जाना था मुझ जल्दी में।

बाबू खीजा डांट पिलाई,

 चल साले तू जल्दी में ।


३- छागल पानी से मुंह धोया,

 खींचा रिक्शा जल्दी में।

 अभी पहुंचाऊं बाबू तुमको,

मैं भी हूं कुछ जल्दी में।


 ४-हार्ट फेल रिक्शे वाले का,

 दूजा रिक्शा जल्दी में।

 मानवता भी आंसू रोए,

 सोचो मानव जल्दी में।।



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