रिक्शे वाले के हालात
रिक्शे वाले के हालात
मोल भाव बाबूजी करके,
बैठे उसके रिक्शे में।
भारी बोझा सात सवारी,
पहुंचा मुझको जल्दी में।।
१- चार कदम चलते ही फूला,
सीना उसका जल्दी में।
हाँफ चली बेहोशी छाई,
चले न रिक्शा जल्दी में।
२-कहां उलझ गया मैं बूढ़े से,
जाना था मुझ जल्दी में।
बाबू खीजा डांट पिलाई,
चल साले तू जल्दी में ।
३- छागल पानी से मुंह धोया,
खींचा रिक्शा जल्दी में।
अभी पहुंचाऊं बाबू तुमको,
मैं भी हूं कुछ जल्दी में।
४-हार्ट फेल रिक्शे वाले का,
दूजा रिक्शा जल्दी में।
मानवता भी आंसू रोए,
सोचो मानव जल्दी में।।