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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Inspirational

रब्त

रब्त

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परमात्मा से रखा रब्त तो तुम पार जाओगे।

दुनिया से रखने की सोचा तो इस्तेमाल भी होगे और एक दिन हार जाओगे।

आजकल सब को जीतने का शौक है।

रिश्तो का इस जहां में ना कोई मोल है।

अहम खुदी का इतना बड़ा हुआ है।

मुझसे बढिया कोई नहीं यह बहम ही सबको चढ़ा हुआ है।

आत्ममुग्धता से सब दीवाने हुए बैठे हैं।

रब्त के तो नाम से ही अनजाने हुए बैठे हैं।

बहुत मुश्किल हो चुका है जाना परमात्मा के द्वार।

प्रत्येक को जाने कौन कौन से करने हैं व्यापार और मिलन व्यवहार।

विश्वास और इमानदारी तो लोग भूल रहे हैं।

रब्त के लिए भी तो मुर्गे ढूंढ रहे हैं।

दो घड़ी बैठ कर जो लोग परमात्मा का ध्यान करते हैं।

परमात्मा भी तो सच्चे मित्र और पिता के जैसे उनका ध्यान करते हैं।



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