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Mukesh Bissa

Action

3  

Mukesh Bissa

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रास्ते हैं उदास

रास्ते हैं उदास

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सब गलियाँ है सूनी शहर की

सब रास्ते है उदास बहुत

खोया खोया सा है दिन मेरा

रात बहुत है सोयी सोयी सी।


तुम जब चले गए तो 

फिर हमें आए याद बहुत

बसाया था जिस बगिया को

न रहा वो आबाद सा।


जहाँ तक देखा था वो 

भी कम कुछ नहीं था

कई राज भी लेकिन

छिपे थे बहुत उसके बाद भी


जब था मौका तो रोक नहीं पाए

जाते कदमों को

अब होगा भी क्या करके 

यूँ भी फरियाद की बहुत



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