राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा
राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
इंसान का इंसान से ही द्वेष क्यों
मानवता का नया संसार होगा
एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा
राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
जो खग उड़ गए बसेरा छोड़कर
वहाँ फिर से उनका आगमन होगा
एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा
राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
भाई भाई का प्रेम राम भरत सा होगा
माँ का सिर्फ एक ही रूप माँ ही होगा
पिता का वचन भी पुत्र के लिए
ईश्वर का अमूल्य वरदान होगा
एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा
राम राज्य का स्वप्न साकार होगा।
