STORYMIRROR

Aditi Vats

Crime Inspirational Thriller

4  

Aditi Vats

Crime Inspirational Thriller

राजा और सभा

राजा और सभा

1 min
198

राजा और सभा कल भी मूक बधीर थे 

ये आज भी मूक बधीर है ।


कल भी नारी शर्मसार थी 

आज भी नारी शर्मसार है 

वो कल भी अपमानित थी 

वो आज भी अपमानित है ।


राजा और सभा कल भी मूक बधिर थे 

ये आज भी मूक बधीर है ।


रानी कैकेई से लेकर रानी द्रौपदी तक 

कल की पैदा हुई गुडिया से लेकर आज की निर्भया तक 

कल की नन्ही परी से लेकर आज की दादी मां तक 

ये तार तार होती रही ये ब्लातकार का शिकार होती रही ।


राजा और सभा कल भी मूक बधीर थे

ये आज भी मूक बधीर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Crime