संसार के सांप
संसार के सांप
अगर लिखने जाए तो कविता नहीं,
कहानियां लिख सकते हैं l
और बताने जाए तो उदास नहीं,
मन से रुला भी सकते हैं ll
कुछ घाव ऐसे भी है अपनों के,
जो उन्हें बदनाम ठहराएंगे l
कुछ दर्द इतने शर्मनाक जो बताए,
तो गैर अपने कहलाएंगे ll
ऐसे संसार के सांपों को,
दूर रखना अपने सपनों से l
नहीं तो तुम भी दूर हो जाओगे,
ईमानदार अपनों से।