मेरा कसूर क्या था?
मेरा कसूर क्या था?


हुआ जो कुछ भी मेरे साथ
उसमें मेरा कसूर क्या था ?
क्या मैं एक लड़की हूँ।
बस यही ?
मेरी जैसी तुम्हारी भी
बहने और बेटियाँ होगी।
जो शायद, अभी स्कूल जाती होगी।
जिनके मेरे जैसे, बहुत से सपने होंगे।
फिर, तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ?
तुम्हें ऐसा अधिकार किसने दिया ?
कभी तुम, मेरे कपड़ों पर उँगली उठाते हो।
क्या मुझे, अब कपड़े भी, तुमसे पूछ कर पहनने होंगे।
क्या मुझे, अपने मुताबिक जीने का, कोई अधिकार नहीं है।
क्या तुमने कभी सोचा है
कि अगर तुम्हारी बहन बेटी के साथ
अगर कोई ऐसा करने की
कोशिश करे।
तो ? अब बोलो ना ?
तुमने तो मुझे जीते जी मार दिया।
ये बाकी लोग भी बस तुम्हारे जैसे ही है।
जो मुझको बार बार ये घटना याद कराएंगे।
मुझको उस कर्म की सजा मिलेगी
जो मैंने किया ही नहीं।
तुमको कोई कुछ नहीं कहेगा।
अगर तुम्हारी उम्र कम है तो
बाल सुधार में भेज दिए जाओगे।
अगर पैसे वाले हो तो
पैसे देकर छूट जाओगे।
पर मुझको इसका दर्द उम्र भर रहेगा।
याद रखना, ये एक ऐसा पाप है
जिसकी सजा इस दुनिया में
तुम्हें मिले ना मिले।
पर याद रखना उस दरगाह पर
तुम्हें जरूर सजा मिलेगी।