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Vimla Jain

Tragedy Action Crime

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Vimla Jain

Tragedy Action Crime

जंगल की जगह सीमेंट का जंगल

जंगल की जगह सीमेंट का जंगल

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हरियाली के जंगल गए

सीमेंट कंक्रीट के जंगल आ गए

जहां-जहां पांव पड़े लालची मनुष्य के

उसके लालच का पैमाना छलक उठा।

जंगल में जाकर के वहां के संपदा देखकर उसका मन ललचा उठा।

संपदा का लाभ उठाकर जंगल को काट साफ किया।

जब तक लोग पहुंचे वहां तब तक खाली मैदान साफ किया।

फिर आटी घुटी लगाकर थोड़ा रिश्वत का पैसा खिलाकर उस जगह को एन ए कराया।

और झटपट वहां पर सीमेंट का जंगल खड़ा कर दिया।

हरियाली का जंगल का जंगल कहां लुप्त हो गया

लोगों को कानों कान खबर ही नहीं लगी और

उन सीमेंट के जंगल बनाने वालों के तो वारे न्यारे ही हो गए।

करोड़ अरबों की संपत्ति बनाकर वे मन में खुश हो रहे हैं।

मगर यह नहीं जानते कि कितना बड़ा जुर्म किया है।

पूरे जंगल जा रहे हैं,

और सीमेंट के जंगल आ रहे हैं।

यह प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

जब तक इंसान के लालच का पैमाना यूं ही छलकता रहेगा।

यह जंगल यूं ही कटते रहेंगे।

अपराधिक जगत चलता रहेगा।

सामान्य इंसान यह बोलता रहेगा। देखो जंगल जा रहा है।

सीमेंट का जंगल आ रहा है।



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