औरतों का दिन
औरतों का दिन
एक दिन ऐसा आएगा,
जब हाहाकार मच जाएगा।
जितना बच सकोगे बच लेना,
क्योंकि उसे दिन औरतों का दिन आएगा।।
कैसा आदमी है रे तू,
धिक्कार है तुझ पर।
नजरे तेरी गंदी है और अब क्या तू,
औरतों के पहनावे को कसूरवार ठहराएगा।।
अकेले में लड़कियों का पीछा करने वाले,
जान जानकार उनको टच करने की कोशिश करने वाले,
अपना लेवल और कितना नीचे गिराएगा?
याद रख जिस दिन औरत ने अपने हथियार उठा लिए उस दिन तू जीवित भी न बच पाएगा।।
भूल मत तुझे भी एक नारी ने ही जन्मा है,
क्या अब तो उसे नारी को पीठ दिखाएगा?
एक बार जो तूने दिल दुखाया अपने ही माता का,
तो याद रख पूरी जिंदगी पछताएगा।
हवन पूजा आराधना जो मर्जी करवा लेना,
तेरा कोई भी कर्म तेरे काम ना आएगा।।
कब तक एक औरत का इस्तेमाल करके,
अपना फायदा बार-बार उठायेगा?
अरे हिम्मत है तो असली मर्द की तरह जीना सीख
कब तक बार-बार औरतों को परेशान,
करके जिंदगी बिताएगा?
अगर कोई काम धंधा नहीं है तो
कम से कम यही सोच ले की,
कौन सी घड़ी में तू अपनी,
गंदी नज़रें नीचे झुकाएगा।
दुनिया में इतने सारे काम है करने को
कब तक अपनी हवस की,
प्यास के पीछे भागता जाएगा?
अभी समय है सुधर जा नहीं तो
तेरा अंत भी बहुत जल्द ही आएगा।।