दुनिया की कहानी
दुनिया की कहानी
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है,
जहां सबको अपनी-अपनी पड़ी है।
रिश्ते जोड़ने से ज्यादा
तोड़े जा रहे हैं साहब,
सबके लिए अपनी-अपनी ईगो बड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है।
यह दुनिया कुछ बन गई है ऐसी
जहां निस्वार्थ प्यार करने वालों को
इंसानी स्वार्थ के कारण
बहुत मार पड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है।
चेहरे पर प्यार लिए घूमते हैं सब
और असल में सबके दिलों में
नफरत भरी है ।
यहां पर झूठ बोलने वालों को कोई
कुछ नहीं बोलता,
पर सच्चे लोगों के लिए
इम्तिहान की घड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है ।
पूजा स्थलों पर पूजने जाते हैं
लोग परंतु जानवरों को काट देते हैं,
जो यह समस्या बहुत बड़ी है।
पाप मिटाने के चक्कर में
और पाप किए जा रहे हैं ,
आजकल की हर सभ्यता
एक दूसरे से लड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है।
आपस में लड़ रहे हैं
हर धर्म,
दिखती टूटती इंसानियत
की कड़ी है।
और इंसानियत धूल का
मुखौटा पहने अधर्म के
चरणों में पड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है।
बढ़ता जा रहा है
तांडव अधर्म का
और धर्म की इज्जत
मुश्किल में पड़ी है।
यूं तो बहुत चिंता दिखाते हैं सब
परंतु सच्चाई यही है कि,
सबको बस अपनी-अपनी पड़ी है।
दुनिया की कहानी एक
ऐसे मोड़ पर आ खड़ी है।
जहां सबको अपनी-अपनी पड़ी है।
अपनी-अपनी पड़ी है।।